ज्यादा समझदारी विनाश का कारण होती है – Jyada Samjhdari Vinash Ka Karn Hoti Hai

ज्यादा समझदारी विनाश का कारण होती है – Jyada Samjhdari Vinash Ka Karn Hoti Hai
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Success Story In Hindi For Students

ज्यादा समझदारी विनाश का कारण होती है :-  दोस्तों आज में आपको कई युग पहले की एक कहानी बताता हुई , जिसे पढ़कर आपको समझ में आ जायेगा की ज्यादा समझदारी विनाश का कारण होती है |

महाभारत का युद्ध आरम्भ होने को था | तभी दुर्योधन भगवन श्री कृष्ण के पास गया युद्ध में मदद के लिए | जब वह गया तो देखा भगवन सो  रहे है और अर्जुन भगवान् के चरणों में बैठा है | तो दुर्योधन भगवन के सर के पास खड़ा हो गया और श्री कृष्ण  के जागने का इंतजार करने लगा | कुछ समय के बाद जब भगवांन सो कर उठे तो उन्होंने पूछा अर्जुन और दुर्योधन क्या बात है | तुम दोनों यहाँ पर क्या कर रहे हो | अपने आने का कारण बताओ | तभी दुर्योधन ने कहा पहले मै आया हुई इसलिए आप पहले मेरी बात सुनिए | भगवन ने कहा ठीक है बताओ क्या बात है |

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दुर्योधन के कहा भगवान युद्ध सर पर है तो मै चाहता हु की आप युद्ध मै मेरी कुछ मदद करे | तब भगवान् ने कहा देखो दुर्योधन मै युद्ध मै लडूंगा नहीं और न ही कोई हथियार उठाऊंगा | तुम्हारे पास २ रस्ते है या तो तुम मेरी सबसे बलवान १ लाख सेना ले लो जो हर तरह के युद्ध को जितने मै माहिर है या तुम मुझे रख लो लेकिन मै युद्ध मै कोई हथियार नहीं उठाऊंगा | तब यहाँ पर दुर्योधन ने अपना दिमाग लगाया की जब भगवान् युद्ध मै हथियार नहीं उठाएंगे तो इससे अच्छा है मै उनकी १ लाख सेना ले लू | फिर उसने भगवान् से उनकी सेना ले ली और चला गया | फिर युद्ध हुआ और युद्ध के बाद दुर्योधन के साथ उसके १०० भाइयो के साथ पुरे कुल का भी विनाश हो गया |और वही अर्जुन जिसने अपना दिमाग नहीं लगाया वो युद्ध मै जीत गए | दोस्तों इसलिए मै कहता हुई की कभी कभी ज्यादा समझदारी विनाश का कारण होती है

जहा दिमाग नहीं लगाया गया वह क्या हुआ

दोस्तों मै आपको दूसरी कहानी बताता हु जहा पर दिमाग नहीं लगाया गया और देखिये क्या हुआ | जहा पर मिलना था राजपाठ वहा पर इनको मिल गया वनवास | अगली सुबह माँ ने कहा की तुम्हारे पिता ने मुझे २ वरदान दिए थे जिसमे १ वरदान मै तुमको  १४ वर्ष तक वन मै रहना है और भरत को ये राजपथ देना है | उन्होंने कहा ठीक है | ये चाहते तो अपना दिमाग लगा सकते थे और बात को टाल सकते थे लेकिन इन्होने ऐसा नहीं किया और १४ वर्ष का वनवास भोगा | दोस्तों जिन्होंने दिमाग नहीं लगाया भगवान श्री राम | आज पूरी दुनिया उनकी पूजा करती है और जिसने अपना दिमाग लगाया वह विनाश का कारण बना |

सारांश | दोस्तों आपको ये कहानी कैसी लगी  कमैंट्स मै बताना और मै आपसे इतना ही आग्रह करना चाहता हु  की ज्यादा समझदारी विनाश का कारण होती है | धन्यवाद

Meri Kahani
Merikahani

दोस्तों मेरा नाम पंकज है | मैं एक Digital Marketer और Blogger हूँ | मैं अपने इस ब्लॉग में आपके लिए मोटिवेशन से भरपूर कहानिया लेकर आता रहूँगा , जिससे आपको Motivation मिलेगा |

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दोस्तों मेरा नाम पंकज है | मैं एक Digital Marketer और Blogger हूँ | मैं अपने इस ब्लॉग में आपके लिए मोटिवेशन से भरपूर कहानिया लेकर आता रहूँगा , जिससे आपको Motivation मिलेगा |

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