कर्म का फल भोगना ही पड़ता है – Karm Ka Phal Bhogna hi Padta Hai

दोस्तों आज में आपको जो कहानी बताने जा रहा हूँ इससे आपको बहुत कुछ सीख मिलेगी की हम जीवन में कुछ भी कर ले लेकिन हमे हमारे कर्मो का फल भोगना ही पड़ता है | चाहे जैसे भी हो ” हमारा कर्मा हमारे पास आ ही जाता है , हम जैसा करेंगे हमको वैसा भरना ही पड़ेगा ”
एक ऑफिस में , एक आदमी ने अपने मैनेजर को गुस्से में चाटा मर दिया | पता नहीं उसे किस बात का गुस्सा था | अब मेनेजर बेचारा क्या करे | जब मैनेजर घर गया तो उसने गुस्से में अपनी बीवी को चाटा मार दिया | अब बीवी बेचारी क्या करे पति को तो मार नहीं सकती, इसलिए उसने अपना गुस्सा अपने बड़े बेटे पर उतार दिया , और बेटे को जोर का थप्पड़ जड़ दिया | अब बेटा क्या करे माँ को तो मार नहीं सकता इसलिए उसने अपना गुस्सा अपने छोटे भाई पर उत्तार दिया | अब छोटा बेटा गुस्से में घर से बाहर निकल गया और रस्ते में एक कुत्ता देखा उसने उस कुत्ते को जोर का एक पत्थर चलाकर मार दिया और वह से चला गया |
अब कुत्ता जोर से भागा और एक आदमी के पैर में काट दिया | वो आदमी बेचारा रोने लगा और इत्तफाक की बात है ये वही आदमी था जिसमे मैनेजर को चाटा मारा था | तो में आपको बता दू की जो ऊपर वाला ( भगवान ) है , उसके पास सबके कर्मो का हिसाब है , वो चुन चुन कर सही वक्त देखकर कर्मो का फल दे ही देता है |
मैं आपको एक दूसरी कहानी बताता हूँ . ” आंख ने फल देखा तो आम खाने की इच्छा हुई , अब आंख तो फल तोड़ने जा नहीं सकता इसलिए पैर गए फल तोड़ने , अब पैर तो फल खा नहीं सकते इसलिए फल खाये मुँह ने और चले गए पैट में ” जिसने देखा उसने खाया नहीं ,जिसने तोडा उसको मिला नहीं, जिसने खाया उसने पचाया नहीं चले गए पेट में | तभी माली आ गया और उसने पीठ पर जोर से दो डंडे लगा दिए | पीठ ने बोलै हाय मेरा क्या कसूर की मुझे मार कहानी पड़ी | जब डड्डे लगे पीठ को तो आंसू निकले आंख से , फल को सबसे पहले देखा उसी ने था ” | इसलिए कहते है की जो जैसा करता है वैसा भरता है |
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