अपने रास्ते खुद चुनो – Apne Raaste Khud Chuno
अपने रास्ते खुद चुनो ! दोस्तों ये कहानी है एक गांव की। ये गांव जंगल के बीचो बीच था। उस गांव के सभी लोग कभी उस जंगल के बाहर नहीं जाते थे। उसी गांव में एक गधा था। जो बोझ धोने के काम करता था। वो रोज बोझ धोता था और अपने मालिक से मार खाता था । इससे वह बहुत परेशान रहता था। एक दिन उसके मालिक ने उसको बहुत मारा। तो वो गधा जंगल के रास्ते गांव छोड़कर जाने लगा। जाते जाते कई दिन बीत गए। बाद में वो गधा एक दूसरे गांव में पहुंच गया।
धीरे धीरे उस गांव में ये बात फ़ैल गई की एक गधा गांव छोड़कर जंगल के रास्ते बहार चला गया और आराम की जिंदगी जी रहा है। फिर कुत्तो ने भी गांव से बहार जाने की इच्छा जताई और एक साथ सब कुत्ते जंगल के रास्ते गांव से बहार निकल गए। गधे के पैरो को सूंघते सूंघते वे भी गांव से बहार आ गए और दूसरे गांव जाकर आराम की जिंदगो बसर करने लगे।
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धीरे धीरे गांव के सभी लोग गधे के बनाये रास्ते से जंगल के बहार जाकर दूसरे गांव में बसने लगे और आराम की जिंदगी जीने लगे। बाद में सरकार को ये बात पता चली तो उसने कुछ इंजीनियर्स भेजे ताकि उस गांव में एक पक्की सड़क बनाई जा सके।
तब गांव के लोगो ने कहा की इसी रस्ते को पक्की सड़क बने दे क्युकी ये रास्ता बड़ा ही सरल है। तब इंजीनियर्स ने कहा ये सड़क किसने बनाई है। फिर गांव के एक बुजुर्ग ने कहा की ये सड़क एक गधे ने बनाई थी। इंजीनियर्स को ये सुनकर बहुत आश्चर्य हुआ की इस गांव के लोग एक गधे की बनाई हुई सड़क पर चल रहे है। जो बहुत ही मुश्किल और समय व्यर्थ करने वाला है। फिर इंजीनियर्स ने सड़क बनाई और गांव के लोग कम समय में ही उस जगह को पार करने लगे।
दोस्तों इस कहानी से हमें ये सिख मिलती है की हमे अपने बनाये हुवे रास्ते पर ही चलना चाहिए। जरुरी नहीं की हमारे पहले के लोगो के जो रास्ते बनाये है हम उसी पर चले। हमें अपने रास्ते खुद बनाने है और उस रास्ते पर चलकर अपनी मंजिल को पाना है।